मोनाली ( ग़लत नाम ) क्लास फिफ्थ में मुझे मिली थी, कुछ भी कहो उस वक्त गज़ब की खूबसूरत थी। मेरी आदत भी अच्छी नही है मैं लड़कियों से जल्दी जुड़ जाता हूँ , वही हुआ मेरी उसे दोस्ती हो गई । मैं था बुद्धू मुझे ये नही पता था की लड़कियां intelligent होती है , वो पढ़ने में कमजोर थी लेकिन बाकि बातों में आगे । शायद अगर मैं तब तेज़ होता तो काम बन गया होता ..... ग़लत मत समझो मेरा मतलब है मेरी आज तक उसे अच्छी दोस्ती रहती । उसने बहुत सारी बातें मुझे बताई थी जो उस वक्त जानना मेरे लिए गर्व की बात थी... जैसे प्यार क्या होता है , प्यार क्यूँ होता है वगैरह वगैरह, बाद में पता चला उसने बहुत सारे प्यार किए और कई बार बनारस के बहार पायी गई । होता है प्यार में सब होता है और प्यार भी तो अजीब है बार बार होता है .......
मुझे भी कई बार हुआ , कौन कहता है की प्यार पहली बार सच्चा होता है बाद में नहीअगर ऐसा है तो मुझे हर बार सच्चा प्यार कैसे हुआ । मैं ये बातें भी करूँगा लेकिन कुछ दिनों के बाद जरा अभी बचपन की यादों को ताज़ा कर लिया जाए।
मेरी और पराग ( मुझे लगता है आज तक का मेरा बेस्ट फ्रेंड) की कई बार लडाई हुई , एक बार तो मार पिटाई तक हो गई लेकिन हमेशा बाद में वही मेरे पास आया क्योकि वो मुझसे ज्यादा अच्छा दोस्त था । हमेशा चौकलेट ले कर आता था , मुझे लगता है मेरा सबसे पहला दोस्त पराग ही है बाद में कोई और ।
स्कूल के ग्राउंड में हम सब का क्रिकेट खेलना , हर हफ्ते ball का खोना और नई ball के लिए पापा से पैसे मांगना , अब सब बदल गया है क्रिकेट तो खेलने का समय ही नही है ।
जाने कहा गए वो दिन ....
No comments:
Post a Comment