Friday, September 26, 2008

मैं, अमिताभ और पराग

मैं अमिताभ और पराग .......... शायद हम अगर अपनी स्कूल लाइफ याद करें तो मुझे पुरा यकीन है की क्लास फिफ्थ तक की यादें बिकुल एक होंगी , शायद ही कुछ different हो । असल में आज अमिताभ का कमेन्ट पड़ कर लगा की हम तीनो ने कितनी मस्ती की है ( बचपन वाली ) । अगर मैं याद दिलाऊ तो शायद इन लोगो को जरूर याद आएगा जब अभिनव ने मुझे स्कूल के आधा ईटों से पटे हुए कुवें में गिरा दिया था , तब मेरी लम्बाई इतनी नही थी की मैं ३-४ फिट ऊचाई को पार कर सकूँ । तब अमिताभ और पराग तुम ही लोगों ने मेरी मदद की थी । ६ क्लास से हम अलग अलग सेक्शन्स में चले गए अमिताभ तुम sec D मैं और पराग sec C में फिर सच है धीरे धीरे हम अपनी लाइफ में व्यस्त हो गए । पर मैं अभी भी कह सकता हूँ हम तब भी बहूत अच्छे दोस्त थे और आज भी है । यार बहूत अजीब बात है मैं अभी सोच रहा था की वो कौन से बात है जिसका मुझे अभी भी दुःख हो की अमिताभ ने मेरे लिए ऐसा क्यों किया या पराग ने ....................... हम इतने अच्छे दोस्त थे की मुझे तो कोई भी बात नही याद है।
कभी कभी लगता है की वो क्या दिन थे अमिताभ की mammi के हाथ का आचार मुझे अब तक याद है , मैं तो अपनी mammi से कहता था की वो मुझे टिफिन में आचार न दिया करे ।
और पराग क्या दोस्त है कुछ ज्यादा बताने की कोई ज़रूरत नही है उसके बारे में ।

मुझे लगता है की अगर हम तीनो साथ में ब्लॉग लिखे तो बहूत अच्छा लिख सकते है , शायद सबसे अच्छा।

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