how beautiful dis flower is ?
27 Years old living in Vadodara(India) and working in MNC, Like others my story is also same the shift from needy child to selfreliant adult. There were struggles in finding an identity, carving a future, meeting a mate, friendship upheavals and job distresses. I believe in persevering when all the odds are against you, when every cell in your body tells you that you can't, but you go ahead and do anyway. I believe in taking risks and embracing a life of uncertainity.
Saturday, October 4, 2008
Thursday, October 2, 2008
वो पेन की रेस
प्रिया: मेरे पास एक नई पेन है किसको चाहिए?
हम सब साथ बोल उठे: मुझे !!!
प्रिया: मिलेगी तो किसी एक को ही ।
पेन बिकिउल पैक की हुई थी और पैकेट का कवर भी खूबसूरत था । हम सबका मन हो रहा था की पेन सिर्फ़ उसके पास ही आए।
तभी प्रांजल ने एक सलाह दी ॥
प्रांजल: चलो रेस करते है जो जीतेगा वह पेन लेगा।
तब हममे इतनी intelligence नही थी की कोई यूँ ही आपने पेन क्यो देगा , हमे तो बस पेन से मतलब था।
सभी लड़के दौड़ने को तैयार ...
प्रिया और पल्लवी एक साथ ............... ready one two three and go....................
हम सभी दौड़ पड़े हमारे स्कूल के ग्राउंड के बार एक सड़क थी जिसका दो चक्कर हमें लगना था यही कुल मिला कर २०० मीटर ।
जीता कौन था ये तो याद नही आ रहा लेकिन पैकेट के अंदर पेन टूटा हुआ था ।
प्रिया तुम एक बार फ़िर हम सब में सबसे अक्लमंद साबित हुई।वैसे ऐसा पहली बार नही हुआ इन लड़कियों ने कई बार हमे बेवकूफ बनाया था एक बार तो हमसे ढेर सरे फूल तुड़वा लिए और बोला की की कल इनका साबुन बना कर लायेंगी , कभी पुरी पेंसिल छिलवा कर ख़तम करा दी और बोला की इसको पेंसिल बॉक्स में भर दो कल नई पेंसिल बन जायेगी ................ पर कभी ऐसा कुछ भी नही हुआ।
Wednesday, October 1, 2008
ख्वाबो खायालो के वो दिन
अभी तो मैं बचपन की यादों में ही खोया हुआ हूँ। स्कूल के अलावा मैं अपना समय कुछ मोहल्ले के दोस्तों के साथ बिताता था मेरे पास उनकी फोटोस भी है जब भी मौका लगा अपलोड करूँगा । मेरी बहार के दोस्तों में जो मुख्य नाम है वो है विक्की चाचा, प्रकाश चाचा ,गुड्डे और कुछ हद तक कंचूं । हमने बहुत मस्ती की हम जब शाम को खेलते थे तो ये भी नही पता चलता था की कब हो गई गई । अब थोड़ा बदल गया है पर हमारी फ़ोन पर बात हो जाती है लेकिन जो कुछ भी हमारी लाइफ में हुआ हमको सबका सब पता है।
esp मुझे तो सब पता है , किसने क्या क्या गुल खिलाये है पर ये तो सबकी लाइफ में होता है ................
जब हम कुछ बड़े हुए तो रोज़ मन्दिर जाने लगे ये आदत गुड्डे ने डलवाई थी पर सच बोलता हूँ गुड्डे भइया तुमने हममें बहुत अच्छी आदत दल दी थी , जिसपर हमारे घर वाले भी फक्र करते थे । न जाने मुझे ऐसा क्यों लगता था की सारी दुनिया मेरे लिए ही बनी थी यहाँ जो कुछ हो रहा है मुझे बेवकूफ बनने के लिए ही हो रहा था, सब बड़े हो रहे थे और मैं उतना ही था , मेरी क्लास बदल रही थी मेरी उम्र बढ़ रही थी फ़िर भी मुझे लगता था की मैं अभी भी छोटा हूँ। अब पता चला की काश छोटा ही रहता ...........
मैंने बहुत सारे सपने देखे थे कभी मैं सोचता था की मेरा घर महल की तरह का होगा .......... , मैं बॉलीवुड का बड़ा सुपरस्टार बनूँगा , मैं ही इंडिया का सबसे बड़ा क्रिकेटर बनूँगा etc. etc. बचपन सच ख्वाबों की दुनिया है कोई रोक टोक नही जो मर्ज़ी वो सोच लो जो मर्ज़ी वो कर लो
अब तो जैसे हर चीज़ पर पाबन्दी लग गई है ... सोचने पर भी क्योकि हमे अब अपनी लिमिट पाता चल गई है।
Monday, September 29, 2008
vande mataram
i am here writing english translation of "Vande Mataram" for all who don't understand hindi also for those who understand hindi . I want in this terrified situation when bomb blasts are happening so frequently, we should pray for betterment of "INDIA".
so start ......................
My obeisance to Mother India!
With flowing beneficial watersFilled with choicest fruitsWith Sandal scented windsGreen with the harvestO mother!
My obeisance to you!Ecstatic moonlit nightsThe plants blooming with flowersSweet speaker of sweet languagesFount of blessings,
Mother, I salute you!
संस्कारों का सागर है वो विद्या का मन्दिर
दया कर दान भक्ति की हमे परमात्मा देना ...
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ॥
हमारे ध्यान में आओ प्रभु आखों में बस जाओ॥
........................ कुछ देर बाद दूसरी prayer शुरू हो गई , इस बार मेरे दोस्त जरूर पहचान लेंगे की क्लास में टीचर कौन है Prayer कुछ ये है
... श्री राम .... श्री राम ...
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हार्ड भावः भय दारुणं ।
नव कंज लोचन कणमुख कर कंज padh कंजारुणं ॥
कंदर्प अगडित अमित छवि नवनील नीरज सुन्दरम ।
मम ह्रदय कंज निवास करू कामादि खल दल गंजनं ॥
.................. ................ ................ जी हाँ , प्रतिमा पाठक मैडम और स्कूल प्रिंसिपल , वैसे प्रतिमा मैडम जब हम क्लास ५ में पहुंचे थे तभी प्रिंसिपल हो गई थी । but she is an amazing women .... absolutely amazing!!!! मैंने ये इस लिए बोला क्योकि बच्चो में संस्कार किये डाले जातें है क्यो उनसे सीखे आज मुझे तक़रीबन १६ वर्ष हो गए आपना सबसे अच्छा और सबसे बेहतरीन सिक्षा देने वाला छोड़े हुए लेकिन उस दिन मुझे फ़िर से लगा की मैं एक छोटा बच्चा हूँ और उसी क्लास में फ़िर से आ गया हूँ , उन्ही संस्कारों के बीच ।
Sunday, September 28, 2008
तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा ...............
आज मैं बहूत देर तक सोचता रहा की कुछ और स्पेशल स्कूल के दिनों का याद आ जाए और मैं इस ब्लॉग में लिख दूँ , पर सच बोलूं तो कुछ बहूत ही ज़बरदस्त बात याद आ रही है लेकिन मैं आज वो नही लिखूंगा क्योकि आज मुझे इस वक्त जो जरुरी लग रहा है वो करना चाहता हूँ । मैं ये जनता हूँ की मेरा ये ब्लॉग शायद बहुत की कम लोग पढ़ते होंगे फिर ही जो पढ़ते है है उनके लिए ...........................
कल दिल्ली में फ़िर धमाका हुआ, पर ऐसा क्यों? दुनिया हर वक्त बदल रही है हम भी साथ साथ विलासिता और उपभोग में ज्यादा से ज्यादा लिप्त होते जा रहे है और अपने कर्तव्यों को भूल रहे है । कल मैंने एक tv channel पर देखा की अमित जी ने अभिषेक बच्चन को दिल्ली जाने से रोक दिया , आज जब इतना बड़ा इंसान डर रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा , सोचना इस बात पर भी चाहिए की वो लोग जो रोज़ कुआ खोदते हैं और रोज़ पानी पीतें है उनका क्या होगा वो भी डर गए है ।
सारी ज़िम्मेदारी सरकार पर भी नही डाली जा सकती क्योकि हम भी इन सब के लिए जिमेदार है , आज भी भारत में कई ऐसी जगह है जहा लोग माकन किराये पर देने से पहले केवल किराया देखते है, सार्वजनिक स्थानों पर सामान की जांच करने के कतरातें है । मेरी आप सब लोगो से अपील है की कृपया अपनी जिमेदारियों को दायरा बढाएं और आके बढ़ कर देश की इस लडाई में देश का साथ दे। आज हिन्दुस्तान वो हिन्दुस्तान नही रहा जहा खुशियाँ तेव्हरों के तौर पर सबके लिए एक साथ आती थी , आज बम ब्लास्ट एक साथ दुःख लातें है उनके लिए भी जो सीधे तौर पर इसके शिकार हुए है या उनके लिए भी जो हिन्दुस्तानी है ।
आज मुझे पुराना गाना याद आ रहा है,
तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा ...............
मेरी सब लोगो से अपील है की आप भी इंसान बनो .... और कुछ बनने की जरुरत नही है दुनिया कुढ़ ही बदल जायेगी।