Thursday, October 2, 2008

वो पेन की रेस

मैं और मेरे सारे दोस्त लंच टाइम में साथ बैठे थे तभी ......
प्रिया: मेरे पास एक नई पेन है किसको चाहिए?
हम सब साथ बोल उठे: मुझे !!!
प्रिया: मिलेगी तो किसी एक को ही ।
पेन बिकिउल पैक की हुई थी और पैकेट का कवर भी खूबसूरत था । हम सबका मन हो रहा था की पेन सिर्फ़ उसके पास ही आए।
तभी प्रांजल ने एक सलाह दी ॥
प्रांजल: चलो रेस करते है जो जीतेगा वह पेन लेगा।
तब हममे इतनी intelligence नही थी की कोई यूँ ही आपने पेन क्यो देगा , हमे तो बस पेन से मतलब था।
सभी लड़के दौड़ने को तैयार ...
प्रिया और पल्लवी एक साथ ............... ready one two three and go....................
हम सभी दौड़ पड़े हमारे स्कूल के ग्राउंड के बार एक सड़क थी जिसका दो चक्कर हमें लगना था यही कुल मिला कर २०० मीटर ।
जीता कौन था ये तो याद नही आ रहा लेकिन पैकेट के अंदर पेन टूटा हुआ था ।
प्रिया तुम एक बार फ़िर हम सब में सबसे अक्लमंद साबित हुई।वैसे ऐसा पहली बार नही हुआ इन लड़कियों ने कई बार हमे बेवकूफ बनाया था एक बार तो हमसे ढेर सरे फूल तुड़वा लिए और बोला की की कल इनका साबुन बना कर लायेंगी , कभी पुरी पेंसिल छिलवा कर ख़तम करा दी और बोला की इसको पेंसिल बॉक्स में भर दो कल नई पेंसिल बन जायेगी ................ पर कभी ऐसा कुछ भी नही हुआ।

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