मैं अमिताभ और पराग .......... शायद हम अगर अपनी स्कूल लाइफ याद करें तो मुझे पुरा यकीन है की क्लास फिफ्थ तक की यादें बिकुल एक होंगी , शायद ही कुछ different हो । असल में आज अमिताभ का कमेन्ट पड़ कर लगा की हम तीनो ने कितनी मस्ती की है ( बचपन वाली ) । अगर मैं याद दिलाऊ तो शायद इन लोगो को जरूर याद आएगा जब अभिनव ने मुझे स्कूल के आधा ईटों से पटे हुए कुवें में गिरा दिया था , तब मेरी लम्बाई इतनी नही थी की मैं ३-४ फिट ऊचाई को पार कर सकूँ । तब अमिताभ और पराग तुम ही लोगों ने मेरी मदद की थी । ६ क्लास से हम अलग अलग सेक्शन्स में चले गए अमिताभ तुम sec D मैं और पराग sec C में फिर सच है धीरे धीरे हम अपनी लाइफ में व्यस्त हो गए । पर मैं अभी भी कह सकता हूँ हम तब भी बहूत अच्छे दोस्त थे और आज भी है । यार बहूत अजीब बात है मैं अभी सोच रहा था की वो कौन से बात है जिसका मुझे अभी भी दुःख हो की अमिताभ ने मेरे लिए ऐसा क्यों किया या पराग ने ....................... हम इतने अच्छे दोस्त थे की मुझे तो कोई भी बात नही याद है।
कभी कभी लगता है की वो क्या दिन थे अमिताभ की mammi के हाथ का आचार मुझे अब तक याद है , मैं तो अपनी mammi से कहता था की वो मुझे टिफिन में आचार न दिया करे ।
और पराग क्या दोस्त है कुछ ज्यादा बताने की कोई ज़रूरत नही है उसके बारे में ।
मुझे लगता है की अगर हम तीनो साथ में ब्लॉग लिखे तो बहूत अच्छा लिख सकते है , शायद सबसे अच्छा।
27 Years old living in Vadodara(India) and working in MNC, Like others my story is also same the shift from needy child to selfreliant adult. There were struggles in finding an identity, carving a future, meeting a mate, friendship upheavals and job distresses. I believe in persevering when all the odds are against you, when every cell in your body tells you that you can't, but you go ahead and do anyway. I believe in taking risks and embracing a life of uncertainity.
Friday, September 26, 2008
Monday, September 22, 2008
मैं और monali
मोनाली ( ग़लत नाम ) क्लास फिफ्थ में मुझे मिली थी, कुछ भी कहो उस वक्त गज़ब की खूबसूरत थी। मेरी आदत भी अच्छी नही है मैं लड़कियों से जल्दी जुड़ जाता हूँ , वही हुआ मेरी उसे दोस्ती हो गई । मैं था बुद्धू मुझे ये नही पता था की लड़कियां intelligent होती है , वो पढ़ने में कमजोर थी लेकिन बाकि बातों में आगे । शायद अगर मैं तब तेज़ होता तो काम बन गया होता ..... ग़लत मत समझो मेरा मतलब है मेरी आज तक उसे अच्छी दोस्ती रहती । उसने बहुत सारी बातें मुझे बताई थी जो उस वक्त जानना मेरे लिए गर्व की बात थी... जैसे प्यार क्या होता है , प्यार क्यूँ होता है वगैरह वगैरह, बाद में पता चला उसने बहुत सारे प्यार किए और कई बार बनारस के बहार पायी गई । होता है प्यार में सब होता है और प्यार भी तो अजीब है बार बार होता है .......
मुझे भी कई बार हुआ , कौन कहता है की प्यार पहली बार सच्चा होता है बाद में नहीअगर ऐसा है तो मुझे हर बार सच्चा प्यार कैसे हुआ । मैं ये बातें भी करूँगा लेकिन कुछ दिनों के बाद जरा अभी बचपन की यादों को ताज़ा कर लिया जाए।
मेरी और पराग ( मुझे लगता है आज तक का मेरा बेस्ट फ्रेंड) की कई बार लडाई हुई , एक बार तो मार पिटाई तक हो गई लेकिन हमेशा बाद में वही मेरे पास आया क्योकि वो मुझसे ज्यादा अच्छा दोस्त था । हमेशा चौकलेट ले कर आता था , मुझे लगता है मेरा सबसे पहला दोस्त पराग ही है बाद में कोई और ।
स्कूल के ग्राउंड में हम सब का क्रिकेट खेलना , हर हफ्ते ball का खोना और नई ball के लिए पापा से पैसे मांगना , अब सब बदल गया है क्रिकेट तो खेलने का समय ही नही है ।
जाने कहा गए वो दिन ....
मुझे भी कई बार हुआ , कौन कहता है की प्यार पहली बार सच्चा होता है बाद में नहीअगर ऐसा है तो मुझे हर बार सच्चा प्यार कैसे हुआ । मैं ये बातें भी करूँगा लेकिन कुछ दिनों के बाद जरा अभी बचपन की यादों को ताज़ा कर लिया जाए।
मेरी और पराग ( मुझे लगता है आज तक का मेरा बेस्ट फ्रेंड) की कई बार लडाई हुई , एक बार तो मार पिटाई तक हो गई लेकिन हमेशा बाद में वही मेरे पास आया क्योकि वो मुझसे ज्यादा अच्छा दोस्त था । हमेशा चौकलेट ले कर आता था , मुझे लगता है मेरा सबसे पहला दोस्त पराग ही है बाद में कोई और ।
स्कूल के ग्राउंड में हम सब का क्रिकेट खेलना , हर हफ्ते ball का खोना और नई ball के लिए पापा से पैसे मांगना , अब सब बदल गया है क्रिकेट तो खेलने का समय ही नही है ।
जाने कहा गए वो दिन ....
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