Wednesday, October 8, 2008

मथुरा कलौनी को धन्यवाद्


मथुरा जी अच्छा लगा आपका कमेन्ट , असल में आप जैसे बड़े लोगों के कमेन्ट मुझे उत्साहित करने के साथ साथ थोड़ा जिमेदारी का एहसास भी करा रहे है । हिन्दी भाषा अपने आप में एक कला है और मैंने केवल कक्षा ८ तक हिन्दी पढ़ी है । मेरी गलतियों के लिए छमा करने की कृपा करियेगा । मैंने आपकी बात को सम्मान रखते हुए फाँट बड़ा कर दिया है । आपका मनीष

1 comment:

शाकिर खान said...

आपकी ब्लोगींग हमको पसंद आई । ब्लॉग्गिंग जारी रखिये । हमारे ब्लॉग पर भी पधारिये । धन्यवाद् ।