DAY 31 (शायद)
आज शायद मेरी किस्मत कुछ अच्छी थी जैसे ही मैं उनके घर के बहार से गुजरने वाला था कि उनके घर का गेट खुला । और वह रे मेरी किस्मत............... दादी जी बहार निकली । अमीन अपनी चलने कि स्पीड एकदम कम कर दी , ये भगवान् भी कभी कभी गेम करता है दादी जी जैसे ही गेट के अन्दर घुसी , कि अन्दर से मदेम कि एंट्री हुई बिल्कुल "मैं हूँ ना " कि सुस्मिता कि तरह । सुस्मिता ( मैं हूँ ना) से कम्पयेर करने के पीछे भी मेरा एक लॉजिक था । एक तो मैं शाहरुक खान जी का बहुत बड़ा फैन हूँ दूसरा सुस्मिता जी ने उस फ़िल्म मे टीचर का किरदार निभाया था । अगर ये कोई फ़िल्म होती तो मैं भी director से बोल कर इस सीन मे एक मस्त सा गाना डलवा देता । मैंने अपनी स्पीड अब एकदम से बढ़ा दी और जल्दी से उनके साथ हो लिया।
आज शायद मेरी किस्मत कुछ अच्छी थी जैसे ही मैं उनके घर के बहार से गुजरने वाला था कि उनके घर का गेट खुला । और वह रे मेरी किस्मत............... दादी जी बहार निकली । अमीन अपनी चलने कि स्पीड एकदम कम कर दी , ये भगवान् भी कभी कभी गेम करता है दादी जी जैसे ही गेट के अन्दर घुसी , कि अन्दर से मदेम कि एंट्री हुई बिल्कुल "मैं हूँ ना " कि सुस्मिता कि तरह । सुस्मिता ( मैं हूँ ना) से कम्पयेर करने के पीछे भी मेरा एक लॉजिक था । एक तो मैं शाहरुक खान जी का बहुत बड़ा फैन हूँ दूसरा सुस्मिता जी ने उस फ़िल्म मे टीचर का किरदार निभाया था । अगर ये कोई फ़िल्म होती तो मैं भी director से बोल कर इस सीन मे एक मस्त सा गाना डलवा देता । मैंने अपनी स्पीड अब एकदम से बढ़ा दी और जल्दी से उनके साथ हो लिया।
मैं: गुड मोर्निंग मैडम
मैडम: गुड मोर्निंग मनीष ।
मैडम: कल तुम नही आए।
अब मैडम ये भी ध्यान रखने लगी थी की मैं कब कोलेज नही गया । वाह ! मनीष वाह! मैंने ख़ुद ही अपनी पीठ थपथपाई ।
मैं: हाँ कल मैं थोड़ा बीमार हो गया था।
मैडम: ठण्ड ज़्यादा है थोड़ा ध्यान रखा करो ।
मैं: हाँ
अब हम वहा तक पहुच चुके थे जिस स्थान ने हमे मिलवाया था G.T .Road के दूसरी तरफ़ ..... रेस्टुरेंट के सामने ।
G.T .Road के दूसरी तरफ़ ..... रेस्टुरेंट के सामने
9:20 AM
मैं: वो मैंने फोटो ग्राफ्स दिए थे दादी जी को आपको मिल गए।
मैडम: हाँ मिल गए थे और मैंने मीत को दे भी दिए थे ।
मैं सोचने लगा था की शायद निमिषा मैडम ने मेरी फोटोग्राफ्स देखी हो मैं कुछ बोलता उसे पहले ही
मैडम: फोटोस अच्छी थी , उनको देख कर लग रहा था तुम अच्छी एक्टिंग करते हो ।
मैं:थैंक यू । आपकी बस आ गई ।
मैडम: हाँ चलो मैं चलती हूँ ।
9:20 AM
मैं: वो मैंने फोटो ग्राफ्स दिए थे दादी जी को आपको मिल गए।
मैडम: हाँ मिल गए थे और मैंने मीत को दे भी दिए थे ।
मैं सोचने लगा था की शायद निमिषा मैडम ने मेरी फोटोग्राफ्स देखी हो मैं कुछ बोलता उसे पहले ही
मैडम: फोटोस अच्छी थी , उनको देख कर लग रहा था तुम अच्छी एक्टिंग करते हो ।
मैं:थैंक यू । आपकी बस आ गई ।
मैडम: हाँ चलो मैं चलती हूँ ।
मीत मैडम और सुदेशना मैडम दोनों बस मे बायी तरफ़ पीछे खिड़कियों वाली सीट पर बैठी थी , जैसे ही उन्होंने मुझे देखा आपस मे कुछ बात करने लगी और तो और मीत मैडम मुझे घूरती उससे पहले मैंने अपनी नज़र नीची कर ली ।
5 comments:
gud yaaaaaaaaaar ...........
which resturant you are refering
why all boys are always alike? and jump to teacher when fails to have girl friend
kaul sir wahi to nahi jo pehale iit kanpur aur kanpur university me the.
well story acchi ja rahi hai
one more thing i already asked you not to use valgur language.
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